श्रीनिवास वेंकटराघवन (srinivas venkataraghavan) यानी पारंपरिक और बेहद सटीक आफ स्पिनर जो भारत की मशहूर स्पिन चैकड़ी के अहम अंग थे. उन्हें अपने हाई आर्म एक्शन और गेंद को टर्न कराने की कला के लिये जाना जाता है. जब परिस्थितियां अनुकूल हों तो फिर उनका सामना करना मुश्किल होता था. उन्होंने रणजी ट्राफी में 18 . 21 की औसत से 530 विकेट लिये. वह 1975 और 1979 में पहले दो विश्व कप में भारत के कप्तान थे.
वेंकटराघवन को एक शांत, गंभीर और चतुर कप्तान के रूप में याद किया जाता है. उनका अंतरराष्ट्रीय करियर 1965 से 1983 तक चला लेकिन इस बीच उन्हें केवल 57 टेस्ट मैच खेलने का ही मौका मिला जिसमें उन्होंने 156 विकेट लिये. इसके अलावा उन्होंने 15 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले जिनमें उनके नाम पर केवल पांच विकेट दर्ज हैं.
वेंकटराघवन ने 341 प्रथम श्रेणी मैचों में 1390 विकेट हासिल किये थे.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने कुछ दिन तक कमेंटेटर और प्रशासक की भूमिका निभायी लेकिन बाद में अंपायर बन गये. उन्हें दुनिया के सबसे बेहतर अंपायरों में शुमार किया जाता है.
वेंकट ने 73 टेस्ट और 52 वनडे मैचों में अंपायरिंग की. इसके अलावा उन्होंने कुछ मैचों में मैच रेफरी की भूमिका भी निभायी.