संविधान में पहला संशोधन 1951 में किया गया. इस संशोधन के जरिए स्वतंत्रता, समानता व संपत्ति से संबंधित मौलिक अधिकारों को लागू करने संबंधी कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास किया गया.
भाषण व अभिव्यक्ति के मूल अधिकारों पर इसमें उचित प्रतिबंध की व्यवस्था की गई. साथ ही इस संशोधन द्वारा संविधान में नौवीं अनुसूची को जोड़ा गया जिसमें उल्लिखित कानूनों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्तियों के अंतर्गत परीक्षा नहीं की जा सकती है.