फ्रिंज बेनिफिट टैक्स (fringe benefits tax) या एफबीपी हमारे यहां एक अप्रैल 2005 से लागू हुआ था जिसे 2009 के आम बजट में समाप्त कर दिया गया.
दरअसल यह कर कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को वेतन के अतिरिक्त दी जाने वाली अनेक निःशुल्क सुविधाओं पर लगाया गया था. इनमें हवाई यात्रा, आवास, टेलीफोन, स्टाफ कार आदि सुविधाएं शामिल है.
आमतौर पर इनकी लागत को आय में नहीं जोड़ा जाता. सरकर ने 2005-06 के बजट में इस प्रकार के खर्च पर कर लगाया जिसे फिंज बेनीफिट टैक्स कहा गया. देश का उद्योग या कारपोरेट जगत हमेशा से ही इस कर का विरोध करता रहा.