तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने 17 मई 2012 को संसद में भोजपुरी बोलकर सबको चौंका दिया.
चिदंबरम तमिलनाडु के हैं और वह हिंदी भी कम ही बोलते हैं लेकिन संसद में उन्होंने भोजपुरी में एक पंक्ति बोलकर सबको आश्चर्य में डाल दिया. भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने को लेकर लोकसभा में एक प्रस्ताव के दौरान चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि वह इसका फैसला मानसून सत्र में करना चाहेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘ हम रउवा सब के भावना समझतानी यानी.’’ इसका मतलब था वो इस मुद्दे पर सांसदों की भावनाएं समझते हैं.