पलानीमुथु शिवकाम भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, नेता और लेखक हैं. उनकी पहली किताब ग्रिप आफ चेंज (Grip of Change) थी जिसके बाद 2012 में द टेमिंग आफ वुमन (The Taming of Women) आई. कहा जाता है कि वह पहली दलित उपन्यासकार हैं. वे एक तमिल पत्रिका पुथिया कोडंगी (Puthiya Kodangi) का संपादन भी करती हैं जो 1995 से प्रकाशित हो रही है. उन्हें द्रविड़ आंदोलन तथा इसके प्रवर्तक पेरियार का कड़ा आलोचक माना जाता है.
उनके पिता एम पलानीमुथु (M Palanimuthu) पहले आम चुनाव (1952) में तमिलनाडु विधानसभा में चुने गए थे. वे स्वतंत्र विधायक थे जो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए.
मूल रूप से तमिलनाडु की शिवकामी अपने राज्य की पहली महिला आईएएस अधिकारी रहीं. जापान सहित अनेक देशों में रही हैं. 1995 में उन्हें लघु फिल्म उडाहा (Ooodaha-Through) बनाई. फिल्म को नेशनल पैनोरमा में राष्ट्रपति अवार्ड मिला.
साल 2008 में उन्होंने 29 साल के बाद प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया और बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर कन्याकुमारी से लोकसभा चुनाव लड़ा. 2009 में शिवकामी ने समुगा समथुवा पडई पार्टी (Samuga Samathuva Padai) बनाई. उनका कहना है कि नया दल उन्होंने डा अंबेडकर के सिद्धांतों पर आधारित है और सामाजिक समानता के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा.