भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की इस खेल में चीन के दबदबे को लेकर चिंता वाजिब ही है. तभी तो उसने ओलंपिक 2012 के बाद कहा था कि अधिक से अधिक भारतीय खिलाड़ी चीनी खिलाडियों के मुकाबले के लिए होने चाहिए.
दरअसल बैडमिंटन में चीन के खिलाडि़यों की तूती बोल रही है. लंदन ओलंपिक में बैडमिंटन की पांचों स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी चीन के रहे.
लंदन ओलंपिक में पुरूषों की दोहरी (डबल्स) स्पर्धा में त्साई युन और फु हाईफेंग ने तो महिला एकल में यिहान वांग ने स्वर्ण पदक जीता. यिहान वांग ने ही सेमीफाइनल में साइना नेहवाल को हराया था. साइना को कांस्य से संतोष करना पड़ा. इसी तरह पुरुषों की एकल स्पर्धा के फाइनल में भी चीन के लिन दान ने बाजी मारी. महिला के डबल्स का स्वर्ण भी चीन के नाम रहा. बैडमिंटन स्पर्धाओं के सारे स्वर्ण पदक चीन ने जीते. इसके अलावा दो रजत व एक कांस्य भी उनके खाते में गया.यह अलग बात है कि चीन की दो शीर्ष बैडमिंटन खिलाडियों पर हार के लिए खेलने के लिए कार्रवाई की गई.