सीरिया के शहर हौला में 25 मई 2012 को एक नरसंहार में 49 बच्चों सहित 108 लोग मारे गए. इसे ही हौला नरसंहार कहा जाता है और इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खासी चर्चा हुई थी.
लेकिन 15 अगस्त 2012 को संयुक्त राष्ट्र की एक रपट में निष्कर्ष निकाला गया कि हौला के तालदौ में हुए नरसंहार के लिए सरकारी बल और सरकार समर्थक शबिहा मिलिशिया जिम्मेदार है. यह जांच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने करवाई थी और इसमें कहा गया था कि सीरिया के संघर्ष में सरकारी बल हो या विपक्ष यानी विद्रोही .. दोनों को ही हाथ खून से रंगे हैं यानी वे युद्ध अपराधों में शामिल हैं.
जांच में आरोप लगाया गया है कि सीरिया में योजनाबद्ध तरीके से होने वाली हिंसा में सरकार के आला अफसरान की सहमति होती है. रपट में सीरियाई बलों पर हत्या, उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के गंभीर के आरोप हैं.