विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (breach of privilege motion) : यह प्रस्ताव संसद के किसी सदस्य द्वारा पेश किया जाता है, जब उसे लगता है कि किसी ने झूठे तथ्य पेश करके सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है.
उदाहरण के लिए 2012 में बाबा रामदेव तथा अन्ना टीम के कुछ सदस्यों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया गया था. ऐसे प्रस्तावों पर बहस नहीं होती लेकिन अगर सदन अध्यक्ष चाहें तो सदस्यों से साक्ष्य या तथ्य ले सकते है.