अविश्वास प्रस्ताव (no confidence motion) लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी संघीय सरकार के लिए सत्ता में बने रहने के लिए जरूरी है कि उसे लोकसभा में पूर्ण बहुमत या समर्थन हासिल हो. उसे इसे कई बार सदन में साबित करना पड़ता है और अविश्वास प्रस्ताव इसी प्रक्रिया का हिस्सा है.
यानी अविश्वास प्रस्ताव मौजूदा सरकार के खिलाफ विपक्ष पेश करता है.
दरअसल अगर विपक्ष को लगता है कि सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. यह सदन में विपक्षी दल के किसी सदस्य द्वारा रखा जाता है. प्रस्ताव के पक्ष में कम से कम 50 सदस्यों का होना आवश्यक है तथा प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के 10 दिन के अदंर इस पर चर्चा होना भी आवश्यक है. चर्चा के बाद अध्यक्ष मतदान द्वारा निर्णय की घोषणा करता है.
यूं कह सकते हैं कि इस प्रस्ताव के माध्यम से सदन का कोई सदस्य मंत्रि परिषद् में अपना अविश्वास व्यक्त करता है और यदि यह प्रस्ताव पारित कर दिया जाता है तो मंत्रि परिषद् को त्याग पत्र देना पड़ता है और सरकार गिर जाती है. हमारे देश में कई बार ऐसा हो चुका है.