लीप सेकंड (leap second) : दरअसल अगर समय में एक सेकंड जोड़ा जाता है तो दुनिया के कंप्यूटरों को भी उसी के अनुसार मैन्युअली समायोजित करना होता है.
एक लीप सेकंड के बिना हाइटेक घडि़यां सौर समय से आगे चलेंगी और इससे हर 100 साल में लगभग 15 सेकंड का अंतर आएगा.
इसी समस्या से निपटने के लिए आईटीयू ने समन्वित सार्वभौम समय (यूटीसी) को लगभग 40 साल पहले परिभाषित किया था और उसके बाद से समय में 24 बार लीप सेकंड जोड़ा गया है. जरूरत पड़ने पर यह 30 जून या 31 दिसंबर की मध्यरात्रि को जोड़ा जाता है.