राजस्थान नहर सतलज और व्यास नदियों के संगम पर निर्मित हरिके बांध से निकाली गई है. यह नहर पंजाब व राजस्थान को पानी की आपूर्ति करती है.
पंजाब में इस नहर की लम्बाई 132 किलोमीटर है और वहां इसे राजस्थान फीडर के नाम से जाना जाता है. इससे इस क्षेत्र में सिंचाई नहीं होती है बल्कि पेयजल की उपलब्धि होती है. राजस्थान में इस नहर की लम्बाई 470 किलोमीटर है. राजस्थान में इस नहर को राज कैनाल भी कहते हैं.
राजस्थान नहर इसकी मुख्य शाखा या मेन कैनाल 256 किलोमीटर लंबी हे जबकि वितरिकाएं 5606 किलोमीटर और इसका सिंचित क्षेत्र 19.63 लाख हेक्टेयर आंका गया है. इसकी मेनफीडर 204 किलोमीटर लंबी है जिसका 34 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान व 170 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में है.
इस नहर का उद्घाटन 31 मार्च 1958 को हुआ जबकि दो नवंबर 1984 को इसका नाम इंदिरा गांधी नहर परियोजना कर दिया गया.