मंदी या रिसेशन Recession अर्थव्यवस्था में उस दौर को कहा जाता है जबकि वस्तुओं की पूर्ति की तुलना में मांग कम हो. यानी उत्पादन की तुलना में मांग घटना ही मंदी है.
ऐसी स्थिति में धनाभाव के कारण लोगों की क्रय शक्ति कम होती है. वस्तुएं बिक नहीं पाती हैं। उद्योग बंद होने लगते हैं तथा बेरोजगारी बढ़ जाती है.
1930 के दशक में विश्वव्यापी मंदी आई थी और अब 2008 के बाद भी कमोबेश वही स्थिति है.