राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास व वित्त निगम

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अल्‍पसंख्‍यक मामलात मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास व वित्त निगम- एनएमडीएफसी (NMDFC) की स्थापना कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत 30 सितम्‍बर 1994 को की गई. यह केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है और गैर लाभकारी या लाभ नहीं कमाने वाली कंपनी के रूप में स्‍थापित किया गया है.

National Minorities Development and Finance Corporation (एनएमडीएफसी) अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के पिछड़े वर्गों के स्‍वरोजगार और आर्थिक विकास गतिविधियों के लिए रियायती ब्‍याज दरों पर कर्ज देता है. इनमें शहरों और गांव के ऐसे मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदायों के लोग शामिल हैं, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय क्रमश: 1,03,000 रूपये और 81,000 रूपये है.

इसी तरह जैन वर्ग को भी 2014 में अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के रूप में अधिसूचित कर दिया गया तो अब यह समुदाय भी एनएमडीएफसी योजनाओं का लाभ उठा सकता है.  केंद्र सरकार ने निगम 975 करोड़ रुपए (65 प्रतिशत) का अपना योगदान पूरा कर लिया है.

एनएमडीएफसी 29 राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 37 राज्‍य मार्गदर्शक (चैनलाइजिंग) एजेंसियों के जरिए अपनी योजनाएं चलाता है. वित्तवर्ष 2014-15 के लिए एनएमडीएफसी का लक्ष्‍य 97000 लाभार्थियों को कवर करना है.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 फरवरी 2015 को निगम की अधिकृत शेयर पूंजी को 1500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपए करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी.

सरकार ने केंद्र, राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों और व्‍यक्तियों/संस्‍थानों के बीच इसके शेयरधारिता पैटर्न को मौजूदा 65:26:9 से संशोधित कर 73:26:1 करने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी थी. इसके साथ ही एनएमएफडीसी के कारोबारी मॉडल का पुनर्गठन करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी गई.

वेबसाइट: http://www.nmdfc.org/

Author: sangopang

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