देश के शहरों को स्मार्ट शहरों में बदले की स्मार्ट शहर परियोजना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसका परिचालन स्मार्ट शहर मिशन के तहत किया जा रहा है। इस पहल के तहत हमारे शहरों को बुनियादी ढांचे,सुविधाओं व जीवन स्तर के हिसाब से वैश्विक स्तर का बनाना है। यानी जहां 24 घंटे बिजली, पानी और इंटरनेट हो। जहां सभी को अस्पताल व स्कूल की सुविधा मिले। जहां ट्रेफिक पर्याप्त व सुगम हो आदि आदि।
इस मिशन के तहत देश 100 शहरों को स्मार्ट शहर बनाने के लिए चुना जा रहा है। मिशन की अवधि पांच साल (वित्त वर्ष 2015-16 से 2019-20) की है। मिशन को उसके बाद शहरी विकास मंत्रालय द्वारा मूल्यांकन किए जाने व प्राप्त सीखों को शामिल किये जाने के साथ जारी रखा जा सकता है।
वित्त पोषण: स्मार्ट सिटी मिशन एक केन्द्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के रूप में संचालित किया जाएगा और केंद्र सरकार द्वारा मिशन को पांच साल में 48,000 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव है। एक समान राशि, एक मेल के आधार पर, राज्य / यूएलबी द्वारा योगदान किया जाएगा; इसलिए, सरकार / यूएलबी धन का लगभग एक लाख करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी के विकास के लिए उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 29 अप्रैल 2015 को ‘स्मार्ट शहर मिशन’ को मंजूरी दी इसके लिए पांच साल का परिव्यय 48,000 करोड़ रखा गया। इसका मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों को और ज्यादा रहने लायक तथा समावेशी बनाने के साथ-साथ आर्थिक विकास की रफ्तार तेज करने हेतु देश के शहरी परिदृश्य में व्यापक बदलाव लाना है।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हर चयनित शहर को अगले पांच साल के लिए 100 करोड़ रुपये सालाना की केंद्रीय सहायता दी जानी है। स्मार्ट शहर की सूची में शामिल होने के लिए शहरों का चयन एक ‘सिटी चैलेंज कंपटीशन’ के जरिए किया किया गया।
100 स्मार्ट शहरों के निर्माण के इस मिशन का उद्देश्य उपलब्ध परिसंपत्तियों, संसाधनों एवं बुनियादी ढांचे के कारगर इस्तेमाल के लिए स्मार्ट सोल्यूशन को अपनाने के लिए बढ़ावा देना है, ताकि शहरी जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके और स्वच्छ एवं टिकाऊ माहौल सुलभ हो सके। इसके तहत शहरी नियोजन में नागरिकों की भागीदारी पर विशेष जोर दिया जाएगा।
स्मार्ट सिटी पहल के तहत प्रमुख बुनियादी ढांचागत सेवाओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, जिनमें पर्याप्त एवं स्वच्छ जल की आपूर्ति, साफ-सफाई, ठोस कचरे का प्रबंधन, शहरों में आवागमन और सार्वजनिक परिवहन की कारगर व्यवस्था, गरीबों के लिए सस्ते मकान, बिजली की आपूर्ति, सुदृढ़ आईटी कनेक्टिविटी, गवर्नेंस खासकर ई-गवर्नेंस एवं नागरिकों की भागीदारी, नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और टिकाऊ शहरी माहौल शामिल हैं।
शुरुआत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2016 को स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत की। इसके साथ ही उन्होंने शहरी विकास से जुड़े अमरूत व सबके लिए मकान कार्यक्रम की भी शुरुआत की।