पिछले लगभग दस साल से भारतीय एकदिवसीय टीम के अहम अंग रहे हैं सुरेश रैना। भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल उन्हें बेहद प्रतिभाशाली मानते थे लेकिन बायें हाथ का यह बल्लेबाज शुरूआती वर्षों में अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया। यह कह सकते हैं कि 2005 में पदार्पण के बाद अगले तीन चार वर्ष तक बड़ी पारी खेलने के लिये तरसते रहे।
रैना के बारे में शुरू से कहा जाता रहा कि वह शार्ट पिच गेंदों को सही तरह से नहीं खेल पाते लेकिन इसके बावजूद अपने जज्बे, धाराप्रवाह बल्लेबाजी करने की कला और चपल क्षेत्ररक्षण के कारण उन्होंने भारतीय टीम में अपनी जगह बनाये रखी। सुविधाओं के लिये तरसते उत्तर प्रदेश के स्पोर्ट्स हास्टल से निकले बायें हाथ का यह बल्लेबाज हालांकि खाली स्थानों से गेंद निकालकर रन बनाने में माहिर है। पाकिस्तान में 2008 में खेले गये एशिया कप में रैना ने दो शतक जड़कर बड़ी पारियां खेलने की शुरूआत की थी। उन्हें 2010 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिला और पहले मैच में ही शतक बनाने में सफल रहे लेकिन यहां भी वह अपनी फार्म को बनाये रखने में नाकाम रहे और पिछले साढ़े चार साल में उनके नाम पर केवल 18 टेस्ट मैच दर्ज हैं।
रैना के साथ भी अभी फार्म की दिक्कत जुड़ गयी है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में उन्हें केवल एक टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला जिसकी दोनों पारियों में वह खाता नहीं खोल पाये। इसके बाद त्रिकोणीय श्रृंखला के शुरू में उन्होंने मेलबर्न में 51 रन की पारी खेली लेकिन अगली दो पारियों में वह एक . एक रन ही बना पाये। मध्यक्रम में कोहली के बाद रैना को सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज माना जा रहा है लेकिन यदि पिछले कुछ मैचों की तरह इनाम में अपने विकेट देते रहे तो भारत की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। रैना को संयम बरतकर खेलने की जरूरत है, क्योंकि यह सभी जानते हैं कि जब वह क्रीज पर टिक जाते हैं और उनका बल्ला चलने लगता है तो फिर गेंद लगातार सीमा रेखा के दर्शन करती है।
उत्तर प्रदेश के यह बल्लेबाज विश्व कप 2011 की चैंपियन टीम का हिस्सा था। हालांकि तब उन्हें केवल चार मैच खेलने का मौका मिला था जिसमें उन्होंने 74रन बनाये थे। रैना ने विश्व कप से पहले तक कुल 207 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 35.44 की औसत से 5104 रन बनाये हैं। उनके नाम पर चार शतक और 33अर्धशतक दर्ज हैं। इस 28 वर्षीय बल्लेबाज का हालांकि आस्ट्रेलिया में रिकार्ड आकर्षक नहीं है जहां उन्होंने 12 मैचों में 23.50 की औसत से 235 रन बनाये हैं।