सुभाष गुप्ते : बलखाती गेंदों के महारथी

सुभाष गुप्ते ( subhash gupte)  दूसरे विश्व युद्ध के बाद भारत के पहले विश्वस्तरीय स्पिन गेंदबाज. लेग स्पिनर सुभाष गुप्ते का अपनी गेंदों पर बहुत अच्छा नियंत्रण था. उनकी गुगली को समझना किसी भी बल्लेबाज के लिये टेढ़ी खीर होता था. सर गैरी सोबर्स ने उन्‍हें सबसे उम्‍दा लेग स्पिनर बताया था.

अपने करियर की फीकी शुरुआत के बाद उन्होंने अपनी बलखाती गेंदों का जलवा 1952- 53 में वेस्टइंडीज में दिखाया था. गुप्ते ने तब 23 . 64 की औसत से 50 विकेट लिये थे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि उन्होंने बल्लेबाजी के लिये अनुकूल पिचों पर 27 विकेट हासिल किये थे.

पाकिस्तान दौरे में गुप्ते ने 21 विकेट लिये तथा वेस्टइंडीज के खिलाफ दिसंबर 1958 में कानपुर में दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 102 रन देकर नौ विकेट चटकाये. उस श्रृंखला में भारतीय गेंदबाजों ने जो 53 विकेट लिये उनमें से 22 विकेट गुप्ते के नाम पर दर्ज थे.

गुप्ते का जन्म 11 दिसंबर 1929 को मुंबई में हुआ था. उन्होंने 36 टेस्ट मैच में 149 विकेट लिये. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके नाम पर 530 विकेट दर्ज हैं. गुप्ते बाद में वेस्टइंडीज जाकर बस गये जहां 31 मई 2002 को पोर्ट आफ स्पेन में उन्होंने अंतिम सांस ली.

Author: sangopang

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