सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-90) में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत सालाना रही जबकि इसके लिए लक्ष्य 5 प्रतिशत का था.
योजना में प्रति व्यक्ति आय में 3.6 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से वृद्धि हुई. योजना परिव्यय की दृष्टि से पहली बार निजी क्षेत्र को सार्वजनिक क्षेत्र की तुलना में वरीयता दी गई. जवाहर रोजगार योजना जैसी महत्वपूर्ण रोजगारपरक कार्यक्रम प्रारंभ किये गए.
इस योजना के प्रमुख उद्देश्य समग्र रूप से उत्पादकता बढाना तथा रोजगार के अधिक अवसर जुटाना, सामाजिक व आर्थिक असमानताओं को कम करना तथा देशी तकनीकी विकास के लिए सुदृढ़ आधार तैयार करना था.
केंद्र में कांग्रेस की वापसी इसी योजना अवधि में हुई.