हर संसदीय दल में एक सचेतक पद होता है. दरअसल किसी भी दल में अनुशासन बनाये रखने के लिये सचेतक की नियुक्ति की जाती है.
किसी विषय विशेष पर मतदान होने की स्थिति में सचेतक अपने दल के सदस्यों को मतदान विषयक निर्देश देता है. सचेतक के निर्देशों के विरुद्ध मतदान करने वाले सदस्य के विरुद्ध दल-बदल निरोध कानून के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है. मुख्य सचेतक व सचेतक पद भी होते हैं.