एयरोजेल (aerogel) को हमारी दुनिया का सबसे हल्का पदार्थ माना जाता है. इसका अविष्कार 1932 में सेम्युअल किसलन ने किया.
एयरोजेल देखने में पारदर्शी और धुंधले नीले रंग का होता है इसलिए इसे ठोस धुएं या नीले धुएं के रूप में पहचाना जाता है. दरअसल इसमें 99.8 फीसद हवा होती है.
वैसे एयरोजेल कठोर झाग है जिसे सिलिकॉन डाइऑक्साइड और रेत से बनाया जाता है. एयरोजेल अपने से कई हजार गुना दबाव झेल सकता है और 1200 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ही पिघलता है. आजकल इसका इस्तेमाल अंतरिक्ष यात्रा में भी होता है.