हमारी संसद में अल्पकालीन चर्चा short duration discussions की शुरुआत साल 1953 के बाद हुई. इसके तहत सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर सदन का ध्यान आकर्षित किया जाता है.
तय प्रणाली के तहत ऐसी चर्चा के लिये स्पष्ट कारणों सहित सदन के महासचिव को सूचित करना होता है. इस सूचना पर कम से कम दो अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर होना भी आवश्यक है.