इस साल संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से 8 मई तक दो चरणों में चलेगा. हालांकि सरकारी कामकाज की कोई अन्य तात्कालिक आवश्यकता न हो इस कार्यक्रम में बदलाव किया जा सकता है. इसमें कुल 33 कार्यदिवस होंगे. संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ बजट सत्र शुरू होगा.
सरकार 26 फरवरी को रेल बजट, 27 फरवरी को आर्थिक समीक्षा व 28 फरवरी, 2015 को आम बजट पेश करेगी.
सरकार यह बजट सत्र दो चरणों में कर रही है. पहला चरण 23 फरवरी से शुरू होकर 20 मार्च, 2015 और दूसरा चरण 20 अप्रैल से शुरू होकर 8 मई, 2015 तक चलेगा. पहले चरण में 20 कार्यदिवस और दूसरे चरण में 13 कार्यदिवस होंगे. दोनों चरणों के बीच के उन दिनों में जब संसद की बैठक नहीं होगी, स्थायी समितियां विभिन्न विभागों और मंत्रालयों की अनुदान मांगों की समीक्षा करेंगी.
बजट सत्र के प्रस्तावित 44 विषयों की सरकारी कार्यसूची में वित्तीय, विधायी और गैर-विधायी विषय शामिल हैं। वित्तीय कामकाज (11 विषयों) में 2015-16 के आम और रेल बजट को प्रस्तुत किया जाना और उन पर चर्चा, 2015-16 के रेल और आम बजट दोनों के लिए अनुदान मांगों पर चर्चा और मत विभाजन, 2014-15 के लिए पूरक अनुदान मांगों और यदि 2013-14 के लिए कोई अतिरिक्त मांग हो तो संबंधित विषय शामिल हैं।
विधायी कार्यसूची में दोनों सदनों में 7 नये विधेयक पेश करना, उन पर विचार करना और उन्हें पारित कराना शामिल है। इन विधेयकों में वित्त विधेयक 2015, छह अध्यादेशों के स्थान पर विधेयक, लोकसभा में लंबित तीन और राज्यसभा में लंबित सात विधेयकों पर विचार करना और उन्हें पारित कराना तथा दस नये विधेयक पेश करना शामिल है।
लोकसभा में लंबित विधेयक हैं- वस्तु एवं सेवा कर लागू करने से संबंधित संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014, लोकपाल और लोकायुक्त और अन्य संबंधित कानून (संशोधन) विधेयक 2014 तथा निरस्त करना और संशोधन करना विधेयक 2014 । लोकसभा द्वारा इन्हें पारित किए जाने के बाद इन पर राज्यसभा द्वारा विचार किया जाना आवश्यक है।
राज्यसभा में लंबित चार विधेयक पहले ही लोकसभा ने पारित कर दिए हैं। ये हैं- कंपनी (संशोधन) विधेयक 2014, सार्वजनिक भवन (अनधिकृत रूप से रह रहे लोगों की बेदखली) संशोधन विधेयक 2014, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (संशोधन) विधेयक 2014, निरस्त करना और संशोधन (दूसरा) करना विधेयक 2014 तथा भुगतान और निपटान प्रणालियां (संशोधन) विधेयक 2014 । अन्य लंबित विधेयक हैं- भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक 2013 और संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2014 ।
पेश किए जाने वाले नये विधेयक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, भंडारण निगम, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन, मध्यस्थता और सुलह-सफाई, विनियोजन अधिनियमों के निरस्त करने, जन्म और मृत्यु पंजीकरण, व्हिसल ब्लोअर संरक्षण, भारतीय प्रबंधन संस्थानों, राष्ट्रीय शैक्षणिक कोष और अनुसूचित जातियों की पहचान से संबंधित हैं.