शिक्षा उपकर की शुरुआत 2004-05 के आम बजट से हुई जो सभी आयकर, निगमित कर व सेवा शुल्क सहित सभी केंद्रीय करों पर दो प्रतिशत की दर से यह कर लाने की घोषणा की गई.
दरअसल संप्रग ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में कहा था कि प्राथमिक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए केन्द्रीय करों पर शिक्षा उपकर लगाया जाएगा. 2004-05 के आम बजट से आयकर, निगम कर, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क व सेवा कर पर दो प्रतिशत की दर से यह उपकर लगाया गया. कराधान योग्य आय पर शिक्षा उपकर दो मदों में लिया जाता है. प्राथमिक शिक्षा उपकर 2005 में शुरू हुआ जबकि 2007 में सरकार उच्च शिक्षा उपकर की शुरुआत की.