व्यापारिक फसल या वाणिज्यिक फसल (cash crop). उन फसलों को कहते हैं कमाई के लिए ही उगाई जाती हैं. किसान जिन्हें बेचकर धन कमाना चाहता है. किसान ऐसी फसलों के अधिकांश हिस्से को बेचता है. इनमें मूंगफली, सरसों, तिल, अलसी, अरण्डी व सूर्यमुखी, गवार जैसी तिलहनी फसलों के साथ साथ गन्ना, चुकंदर, जूट, मेस्टा, सन, कपास, तम्बाकू, चाय आदि को शामिल किया जा सकता है. अब फल सब्जियों की फसलों को भी इसमें रखा जा सकता है.
मोटे तौर पर यह वे फसलें होती हैं जिन्हें आसानी से बाजार में बेचा जा सकता है. जैसे नरमा कपास, गेहूं, धान, गवार आदि. इसके अलावा किसान आमतौर पर इन फसलों को पशुओं के चारे आदि के लिए इस्तेमाल नहीं करता. यानी इन्हें सिर्फ बेचने के लिए ही उपजाई जाती हैं. हालांकि इसके उपउत्पादों का इस्तेमाल वह कर सकता है. जैसे गवार के बीज बाजार में बेचे जाते हैं जबकि उसकी तूड़ी, नीरे का इस्तेमाल किसान अपने पशुधन के लिए कर सकता है.