पर्सनल लोन (personal loan) या व्यक्तिगत ऋण व्यक्ति विशेष को उसके व्यक्तिगत इस्तेमाल जैसे यात्रा, सामान खरीदने या शादी ब्याह के लिए दिया जाता है. इस समय देश में 50,000 रुपये से लेकर बीस लाख या ज्यादा राशि तक लोन दिया जाता है.
आमतौर पर इसे सबसे महंगा ऋण माना है और जहां तक संभव हो इससे बचने की सलाह दी जाती है. इस तरह के कर्ज पर अनाप शनाप ब्याज दरों का मुद्दा 2011 के बाद काफी चर्चा में रहा था और केंद्रीय बैंक ने बैंको को निर्देश भी जारी किए थे.
व्यक्तिगत ऋणों को उपभोक्ता ऋण भी कहा जाता है. यह ग्राहकों को कार, रेडियो, रेफ्रीजरेटर,आदि टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के दिए जाते है. वेतनभोगी कर्मचारियों के साथ व्यापारी, उद्योगपति भी इस तरह का कर्ज हासिल कर सकता है.