विशाल सिक्का इस समय आईटी कंपनी इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी यानी सीईओ हैं. वे इस पद पर आने वाले इन्फोसिस के बाहर से आने वाले पहले व्यक्ति हैं.
सिक्का का जन्म शाजापुर, मध्यप्रदेश में एक पंजाबी परिवार में हुआ. उनका परिवार बाद में वडोदरा चला गया इसलिए उनकी शिक्षा दीक्षा वहीं हुई. वे रोजरी हाई स्कूल व महाराजा सायजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा में पढे. इसके बाद सायराकस यूनिवर्सिटी में बीएससी कंप्यूटर विज्ञान की. स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की.
अपने शुरुआती दिनों में सिक्का ने जेराक्स में काम करने के बाद कई कंपनियां बनाईं जिनमें आईब्रेन व बोध डाट काम शामिल है. इन्फोसिस से जुड़ने से पहले सिक्का सैप एसएपी एजी के कार्यकारी निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में कंपनी के उत्पादों व नवोन्मेष की अगुवाई कर रहे थे. उन्होंने एक अगस्त 2014 में इन्फोसिस में सीईओ व प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाला.
इन्फोसिस ने जनवरी 2015 में घोषित अपने तिमाही परिणामों के बाद अपने सबसे मेहनती कर्मचारियों को 30,000 आईफोन 6 उपहार के रूप में दिए. कंपनी के इतिहास व संस्कृति के लिहाज से बहुत अलग बात रही. यह उपहार पाने वाले को उसके अथक प्रयासों के लिए सिक्का की ओर से धन्यवाद भी मिला. भारत में फिर बसने के सवाल पर सिक्का ने एक बार कहा कि ‘वे कहीं भी रहें भारत उनके दिल में रहता है.’
हां, उनका जन्म एक जून 1967 को हुआ.
पेटेंट पर राय: विशाल सिक्का ने जनवरी 2015 में एक साक्षात्कार में पेटेंट को साफ्टवेयर उद्योग के लिए कलंक बताया. उन्होंने कहा कि कंपनियों को पेटेंट के प्रति अपनी अनुचित रट को छोड़ना चाहिए क्योंकि यह अंतत: नवोन्मेष या अविष्कारों के प्रतिकूल ही है. उन्होंने कहा कि इन्फोसिस भी पेटेंट को लेकर अपनी सोच पर पुनर्विचार पर विचार करने को तैयार है.