लेखानुदान मांगें (demand for grant) व विनियोग विधयेक सरकार की बजटीय कार्रवाई का एक हिस्सा है. दरअसल सरकार का बजट अप्रैल से मार्च तक के लिए होता है. आमतौर पर फरवरी के अंतिम या मार्च के पहले पखवाड़े में संसद के बजट सत्र में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश किया जाता है.
कायदे से इस बजट को तीस मार्च तक पारित हो जाना चाहिए ताकि सरकार को अगले वित्त वर्ष के खर्च की अनुमति मिल सके. लेकिन ऐसा होता नहीं क्योंकि बजट पेश होने के बाद विभिन्न स्थाई समितियां गृह, रक्षा, कृषि जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के लिए बजटीय प्रस्तावों पर चर्चा करती हैं. इसलिए बजट सत्र के बीच में अवकाश होता है और बजट अप्रैल या मई में जाकर पारित होता है.
लेकिन सरकार इस दौरान कुछ महीने (आमतौर पर तीन माह..अप्रैल,मई, जून) के खर्च की अनुमति संसद से लेखानुदान मांग के रूप में लेती है. इसके लिए जो विधेयक संसद में पेश किया जाता है उसे तत्संबंधी विनियोग विधेयक ( Appropriation Bill) कहते हैं. लेखानुदान मांगें भी संसद के दोनों सदनों में पारित होनी होती हैं.