लुमदिंग-सिलचर ब्राडगेज रेल लाइन परियोजना (lumding silchar broad gauge rail line project) की शुरुआत 27 मार्च 2015 को गई. रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्धाटन किया.
इस रेल लाइन से पूर्वोत्तर क्षेत्र में ब्राडगेज कनेक्टिविटी के नए युग की शुरुआत हुई और और यह रेल लाइन खाद्यान्न, उर्वरक व तेल उत्पादों आदि के परिवहन में बड़ी भूमिका निभा सकती है. परियोजना की कुल लागत 3500 करोड़ रुपए है.यह देश की सबसे बड़ी गेज परिवर्तन परियोजनाओं में से एक है.
रेलमंत्री प्रभु ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर इस रेलवे लाइन परियोजना का उद्धाटन किया. इस खंड में सवारी यात्री सेवाएं शीघ्र शुरू की जाएंगी. इस क्षेत्र में दो चरणों की परियोजनाओं में लुमदिंग-सिलचर खंड प्रथम चरण है. यह खंड असम की बराक घाटी को पूरे देश से बिना किसी रुकावट के जोड़ती है.
इसके दूसरे चरण में गेज परिवर्तन के तीन खंड- बदरपुर-कुमारघाट, बरइग्राम-दुलाबचेरा और सिलचर-जिरीबम होंगे जिन्हें 31 मार्च, 2016 तक पूरा किया जाएगा. दूसरे चरण का कार्य पूरा होने पर मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा भी ब्राडगेज से जुड़ जाएंगे. ये राज्य खाद्यान्न, उर्वरक और तेल उत्पादों आदि की आपूर्ति के लिए इस रेलवे लाइन पर निर्भर हैं.
उल्लेखनीय है कि लुमदिंग-सिलचर गेज परिवर्तन परियोजना को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तहत 1996-97 में मंजूरी दी गई थी और इसे 2004 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया. अलगाववाद की वजह से 2006 से 2009 तक कार्य बाधित हुआ और क्षेत्रीय आर्मी को इस क्षेत्र में तैनात किया गया. 2009 के बाद ही कार्य सुचारू रूप से चला. [pic curtsy railway]