रेलवे प्लेटफार्म टिकट (platform ticket) यात्रियों के साथ स्टेशन पर जाने वाले उनके रिश्तेदारों या सहयोगियों के लिए होता है. इसका एक उद्देश्य रेलवे स्टेशनों पर अनावश्यक भीड़ को घटाना भी है.
किसी स्टेशन के प्लेटफार्म पर जाने से सम्बद्ध काउंटर पर यह टिकट खरीदा जा सकता है. यह एक निश्चित अवधि के लिए होता है जिसके पास यह टिकट होता है उन्हें बेटिकट यात्री नहीं माना जाता. वैसे यह टिकट सिर्फ प्लेटफार्म के लिए ही होता है न कि यात्रा के लिए.
रेल मंत्रालय ने 23 मार्च 2015 को घोषणा की कि प्लेटफॉर्म टिकट दर में बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है. इसके तहत प्लेटफार्म टिकट की कीमत पांच रुपए से बढाकर 10 रुपए प्रति टिकट कर दी गई. नयी दर एक अप्रैल, 2015 से लागू हो रही है.
इसे साथ ही रेल मंत्रालय ने सभी मंडलीय रेलवे प्रबंधकों (डीआरएम) को 10 रुपए से ज्यादा दर तय करने के लिए अधिकार दिए हैं ताकि विशेष अवसरों जैसे कि मेला, रैली आदि पर प्लेटफार्म पर भीड़ को नियंत्रित किया जा सके.