विकल्प रेल मंत्रालय की एक नयी आरक्षण प्रणाली है जो एक अप्रैल 2017 से प्रभावी हो रही है। इस योजना का उद्देश्य रेलवे के बड़े रूटों पर रेलगाड़ियों में खाली रहने वाली सीटों का उपयोग करना है। इस योजना में प्रतीक्षा सूची वाले यात्री राजधानी, शताब्दी या दूसरी प्रीमियम/स्पेशल ट्रेन में यात्रा का विकल्प चुन सकते हैं। भले ही उन्होंने उसी गंतव्य स्टेशन के लिए किसी दूसरे मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में टिकट बुक किया हो। सबसे बड़ी उन्हें इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। यानी वे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उसी रूट पर अन्य समय चलने वाली किसी अन्य ट्रेन में कन्फर्म टिकट पा सकते हैं।
वैकल्पिक ट्रेन सुविधा योजना (विकल्प) की बात की जाए तो इसकी शुरुआती नवंबर 2015 में वैकल्पिक ट्रेन सुविधा योजना (एटीएएस) की परिकल्पना के साथ की गई। साथ-साथ इसकी शुभारंभ नवंबर, 2015 में ‘विकल्प’ नाम के तहत किया गया था। योजना प्रायोगिम स्तर पर दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-लखनऊ रूटों के लिए लागू की गई, जिसके तहत केवल इंटरनेट के जरिए ई-टिकट की बुकिंग करने वाले यात्रियों को ही मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट ट्रेनों में स्थानांतरित करने की सुविधा दी गई। अप्रैल, 2016 में दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली–बेंगलुरू और दिल्ली–सिकंदराबाद रूट भी इस योजना को शुरू किया गया।
‘विकल्प’ अपनाने वाले प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को चार्ट बन जाने के बाद पीएनआर स्टैटस चेक करना चाहिए। वैकल्पिक सुविधा पाने वाला यात्री अपने मूल टिकट के आधार पर ही वैकल्पिक ट्रेन में सफर कर सकता है। मूल ट्रेन के प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को अगर वैकल्पिक सुविधा दे दी जाती है तो उन्हें मूल ट्रेन से सफर करने की अनुमति नहीं होगी। लेकिन यदि वे मूल ट्रेन से ही सफर करते पाए गए तो उन्हें बेटिकट मान लिया जाएगा और उसी के अनुसार उनसे चार्ज वसूला जाएगा। कन्फर्म वैकल्पिक सुविधा मिल जाने पर यात्री के रजिस्टर्ड मोबाइल फोन नंबर पर एसएमएस अलर्ट भी आएगा।
एटीएएस को अपनाने पर वैकल्पिक ट्रेन सुविधा मिल जाने के बाद अगर कोई यात्री अपने टिकट को रद्द कराता है तो उसे कन्फर्म यात्री माना जाएगा और उस पर टिकट निरस्तीकरण के नियम लागू होंगे। जब किसी एटीएएस यात्री को वैकल्पिक सुविधा दे दी जाएगी तो उसके बाद अपनी यात्रा में बदलाव करने की इजाजत उसे नहीं होगी। यदि आवश्यक हुआ तो यात्री को अपना टिकट रद्द कराना होगा और संशोधित यात्रा के लिए नया टिकट लेना होगा। यदि किसी यात्री को वैकल्पिक ट्रेन सुविधा मुहैया करा दी जाती है और उसके बावजूद वह वैकल्पिक ट्रेन से सफर नहीं कर पाता है, तो वह टीडीआर अनुरोध दाखिल करके रिफंड का दावा कर सकता है।
विस्तारित विकल्प योजना आरंभ में केवल ई-टिकटों पर ही लागू होगी, लेकिन बाद में इसका विस्तार करके इसे पीआरएस टिकटों पर भी लागू किया जाएगा।