राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017

सांगोपांग

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 को 15 मार्च 2017 को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दी। इस नीति का उद्देश्य सभी को चिकित्सा सेवाएं या ‘निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं’ उपलब्ध कराना है।

यह नीति दो साल तक अटकी रही। इससे पहले भी 1983 और 2002 में सरकार स्वास्थ्य नीति लाई गई थी। लेकिन उन नीतियों के लक्ष्य पंचवर्षीय योजनाओं के आधार पर हासिल नहीं किए जा सके।

स्वास्थ्य व परिवार कल्‍याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर संसद के दोनों सदनों में 16 मार्च,2017 को बयान दिया। उन्होंने अपने वक्तव्य में इसे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के इतिहास में बहुत बड़ी उपलब्धि बतााया। उन्होंने कहा कि यह नीति बदलते सामाजिक-आर्थिक, प्रौद्योगिकीय और महामारी-विज्ञान परिदृश्य में मौजूदा और उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए 15 साल के अंतराल के बाद अस्तित्व में आई है। नीति में गैर-संचारी रोगों की उभरती चुनौतयों से निपटने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें विभिन्न लक्ष्य तय किए गए हैं।

नीति के लक्ष्य
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में तय विशिष्ट मात्रात्मक लक्ष्य तय किए गए जिनका उद्देश्य तीन व्‍यापक घटकों (क) स्वास्थ्य स्थिति और कार्यक्रम प्रभाव (ख) स्वास्थ्य प्रणाली निष्‍पादन, तथा (ग) स्वास्थ्य प्रणाली का सुदृढ़ीकरण, के द्वारा बीमारियों को कम करना है। नीति के मुख्य लक्ष्य इस प्रकार हैं:

जीवन प्रत्याशा और स्व्स्थ जीवन
जन्म के समय आजीवन प्रत्याशा को बढ़ाकर 2025 तक 70 करना।
2022 तक प्रमुख वर्गों में रोगों के प्रसार तथा इसके रुझान को मापने के लिए विकलांगता समायोजित आयु वर्ष (डीएएलवाई) सूचकांक की नियमित निगरानी करना।
2025 तक राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर टीएफआर को घटाकर1तक लाना।

आयु और/या कारणों द्वारा मृत्‍यु दर
2025 तक पांच वर्ष से कम आयु के बच्‍चों में मृत्‍यु दर को कम करके 23 करना तथा एमएमआर के वर्तमान स्‍तर को 2020 तक घटाकर 100 करना।
नवजात शिशु मृत्‍यु दर को घटाकर 16 करना तथा मृत जन्‍म लेने वाले बच्‍चों की दर को 2025 तक घटाकर “एक अंक’ में लाना।

Author: sangopang

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