सत्तर के दशक में जब सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की आंधी चल रही थी और फार्मूला फिल्मों का जादू अपने शबाब पे था, ऐसे में बासु चटर्जी उन कुछ चुनिंदा फिल्मकारों में से एक थे जो साधारण बजट और जिन्दगी से जुडी खूबसूरत कहानियों के जरिये अपना मुकाम बनाये रखने में कामयाब रहे. वर्ष 1974 में प्रदर्शित रजनीगंधा (rajnigandha) ऐसी ही एक फिल्म थी.
फिल्म की कहानी मशहूर हिंदी लेखक मनु भंडारी की कहानी ” ये सच है ” पर आधारित थी. संवाद और स्क्रीनप्ले बासु चटर्जी ने लिखे. फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में थे अमोल पालेकर, विद्या सिन्हा, दिनेश ठाकुर, रंजीता ठाकुर, वीणा गोध, और मंजू मैनी ने. फिल्म का निर्माण किया सुरेश जिंदल ने और निर्देशन बासु चटर्जी का था. फिल्म में संगीत दिया सलिल चौधरी ने और गीत थे योगेश के.
फिल्म के गीत बेहद लोकप्रिय हुए खासतौर पे शीर्षक गीत ” रजनीगंधा फूल तुम्हारे ” और ” कई बार यूं ही देखा है “. गायक मुकेश को ” कई बार यूँ ही देखा ” के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ. फिल्मफेयर पुरस्कारों में भी ” रजनीगंधा ” ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुस्कार अपने नाम किया. ” रजनीगंधा ” के जरिये अमोल पालेकर ने पहली बार हिंदी फिल्मों में कदम रखा और नायिका विद्या सिन्हा की यह पहली फिल्म थी .
इसी फिल्म से ही दोनों की एक सफल जोड़ी बन गयी और इन दोनों ने इसके बाद एक साथ कई फिल्मों में साथ काम किया. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी कामयाबी हासिल की और आज भी सिने प्रेमी ” रजनीगंधा ” की सादगी और सहजता अच्छी तरह से याद है.