भारत में इस शब्द को प्राय: किसी ऐसे युवा नेता के लिए किया जाता है जो कुछ लीक से हटकर कर रहा हो, या ‘विद्रोही’ हो. किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के लिए यह विशेषण काम में लिया जाता था.
दरअसल यह शब्द तुर्क या ऑटोमन साम्राज्य से आया. वर्ष 1889 में वहां सैन्य कैडेटों व विश्वविद्यालय छात्रों ने इस सुधारों की मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया जिसे सुल्तान अब्दुल हामिद द्वितीय की राजशाही के ख़िलाफ़ युवा तुर्क (यंग टर्क) क्रांति नाम दिया जाता है.
इस आंदोलन का विस्तारित रूप मुस्तफा कमाल अतातुर्क के नेतृत्व में हुई क्रांति है.