साझा कोष को विभिन्न निवेशकों की बचत का कोष कहा जा सकता है. इन निवेशकों की राशि को एक साथ कर शेयर, डिबेंचर तथा पूंजी बाजार की अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है. इस निवेश से मिलने वाली आय या रिटर्न को यूनिटधारकों को समानुपात में बांट दिया जाता है.
साझा कोष योजनाएं कई तरह की होती हैं जैसे खुली अवधि की योजना. म्यूचुअल फंड या म्युच्युअल फंड या साझा कोष बाजार पिछले कुछ साल में भारत में तेजी से बढा है. साझा कोष के तहत आम लोगों के निवेश योग्य धन को एच्छिक आधार पर एकत्रित करके विनियोग के बेहतर अवसरों लगाया जाता है. यानी उसका वहां निवेश किया जाता है जहां रिटर्न अधिक मिलने की उम्मीद हो.
भारत में साझा कोष उद्योग की शुरुआत 1963 में यूनिट ट्रस्ट आफ इंडिया की स्थापना के साथ हुई. 2012 में देश में साझा कोष कंपनियों की संख्या बढ़कर चालीस से अधिक हो गई. भारतीय म्युच्युअल फंड उद्योग की प्रबंध आधीन आस्तियां 2014 के आखिर में बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपए के स्तर को लांघ गईं. साल 2014 में म्युच्युअल फंडों ने 6200 अरब रुपए का शुद्ध निवेश किया जबकि 2013 में यह राशि 4850 अरब डालर रही थी.
हमारे यहां यूनिट ट्रस्ट आफ इण्डिया व जीवन बीमा निगम ने शुरुआती साझा कोष स्थापित किए.