मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी या एमएनपी के तहत हम अपने मौजूदा मोबाइल नंबर को बनाए रखते हुए नयी कंपनी की सेवाएं ले सकते हैं. उदाहरण के लिए आप ‘अ’ कंपनी की मोबाइल सेवाएं ले रहे हैं लेकिन किन्हीं कारणों से उसकी सेवाओं से असंतुष्ट हैं. आप ‘ब’ कंपनी की सेवाएं तो लेना चाहते हैं लेकिन अपना नंबर वही रखना चाहते हैं. ऐसे में एमएनपी आपके काम आ सकती है. इसके जरिए आप ‘ब’ कंपनी की मोबाइल सेवा ले सकते हैं.
क्या है शर्त
फिलहाल एमएनपी का लाभ तभी उठाया जा सकता है जबकि मौजूदा कंपनी से जुड़े हुए कम से कम 90 दिन हो गए हों. यानी किसी कंपनी से जुड़ने के बाद 90 दिन तक आप अपना नंबर पोर्ट नहीं कर सकते. 90 दिन की तय अवधि है.
सीमा
हमारे देश में फिलहाल केवल एक ही सर्किल में एमएनपी की मंजूरी है. यानी अगर आप दिल्ली सर्किल के किसी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप इसी सर्किल की किसी अन्य मोबाइल कंपनी में अपना नंबर पोर्ट कर सकते हैं. आमतौर पर किसी एक राज्य में एक ही दूरसंचार सर्किल होता है.
अगर आप अपना मोबाइल नंबर किसी नयी कंपनी में पोर्ट करना चाहते हैं तो आपको कुछ बुनियादी बातें ध्यान रखनी होंगी. एक तो आपको मौजूदा कंपनी के साथ कम से कम तीन महीने हो चुके हों. बाकी जीएसएम, सीडीएमए या पोस्टपैड, प्रीपेड का कोई फर्क नहीं पड़ता.
इसके लिए आपको PORT<आपका मोबाइल नंबर> लिखकर 1900 पर एसएमएस करना होगा. इसके बाद आपको 1901 से एक विशेष संख्या या यूपीसी एसएमएस के जरिए मिलेगी. इसमें आठ संख्या का यूपीसी तथा उसके खत्म होने की तारीख होगी. इस कोड के साथ आपको उस कंपनी के स्टोर में जाना होगा जिसकी सेवाएं आप लेना चाहते हैं.
नंबर पोर्टेबिलिटी में आमतौर पर सात दिन लगते हैं लेकिन इस दौरान आपका नंबर 3-4 दिन बंद रह सकता है.