केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मूल्य स्थिरीकरण कोष (price stabilisation fund) की स्थापना को 29 मार्च 2015 को मंजूरी दी. इसकी घोषणा जुलाई 2014 के बजट में की गई थी.
कृषि व सहकारिता विभाग ने जल्द खराब होने वाले कृषि-बागवानी उत्पादों के मूल्य नियंत्रण के लिए बाजार हस्तक्षेप का समर्थन करने के उद्देश्य से केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में 500 करोड़ रुपए के मूल्य स्थायीकरण कोष (पीएसएफ) को मंजूरी दी.
इस कोष का इस्तेमाल राज्य सरकारों व केंद्रीय एजेंसियों को ब्याज मुक्त अग्रिम ऋण देने में किया जाएगा. इससे कृषि-बागवानी उत्पादों की खरीद और इनके वितरण की कोशिश पर होने वाले अन्य खर्चों और कार्यशील पूंजी के लिए धन मिलता रहेगा. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए राज्य रिवाल्विंग फंड बनाएंगे जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें बराबर (50:50) का योगदान करेंगी. हालांकि उत्तर-पूर्व के राज्यों द्वारा बनाए जाने वाले कोष में केंद्र-राज्य के अंशदान का अनुपात 75:25 होगा.
सरकारी बयान के अनुसार राज्य सरकारें भविष्य में की जाने वाली किसी पहल को अपने स्तर पर पूरा करने में सक्षम हों सके इसके लिए ही इस कोष के गठन की योजना बनाई गई. हालांकि केंद्रीय एजेंसियां अपने कोष को पूरी तरह से केंद्र से मिले अग्रिम रकम से ही बनाएंगी. इसके तहत कृषि-बागवानी उत्पादों को खेत/मंडी में सीधे किसानों या किसान संगठनों से खरीदकर उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाएगा. शुरू में इस कोष को केवल प्याज और आलू के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा. यदि कोई नुकसान होता है तो उसे केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर वहन करेंगी.
PSF यानी price stabilisation fund (मूल्य स्थिरीकरण कोष)