मिसी फ्रेंकलिन अमेरिका की युवा तैराक है जो अगस्त 2012 में लंदन ओलंपिक के दौरान चर्चा में आई. अपने इस पहले ओलंपिक में मिसी ने कुल पाँच पदक जीते जिनमें चार स्वर्ण व एक कांस्य शामिल है. उसके प्रदर्शन से लोग इतने प्रभावित हुए कि उसका नाम मिसी मिसाइल पड़ गया.
मिसी की चर्चा इसलिए भी हुई कि उसने अपने पदक कोलरेडा राज्य के ओरोरा शहर को समर्पित किया. इसी शहर में कुछ दिन पहले सिनेमाघर में गोलीबारी में 12 लोग मारे गए थे.
वैसे दस मई 1995 को जन्मी मिसी का पूरा नाम मेलिसा जिनेट फ्रेंकलिन (Melissa Jeanette Franklin) है. लंदन ओलंपिक के समय वह 17 साल की उच्च माध्यमिक विद्यालय यानी हाइस्कूल लाने वाली छात्रा थी. उसने महिलाओं की 100 200 मीटर बैकस्ट्रोक तैराकी में स्वर्ण प्रदक जीता. इससे पहले वह साल की श्रेष्ठ तैराक (FINA Swimmer of the Year 2011) रह चुकी है.
उसके पिता कभी फुटबाल खेलते थे. वैसे मिसी को तैराकी का शौक मां से मिला और उसने बचपन से ही तैराकी शुरू कर दी. दरअसल मिसी की मां को पानी से डर लगता था और वह नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी भी इस डर के साथ जिए। इसलिए उन्होंने मिसी को तैराकी के लिए प्रोत्साहित किया। उसके करियर पर अपनी मां का बहुत असर रहा है और वह अमेरिकी तैराक नैताली कफलिन को अपना आदर्श मानती है.
2016 के ओलंपिक में फ्रेंकलिन 200 मीटर फ्रीस्टाइल व 200 मीटर बैकस्ट्रोक में फाइनल के लिए जगह नहीं बना सकी। हालांकि उसने 4 गुना 200 मीटर फ्रीस्टाइल रिले में स्वर्ण पदक जीता।
मिसी ने अपने अभिभावकों के साथ मिलकर एक किताब (Relentless Spirit: The Unconventional Raising of a Champion) भी लिखी जो 2016 के आखिर में प्रकाशित हुई। इसमें मिसी के तैराकी की दुनिया में आने और छाने की कहानी है।