अमेरिकी कंपनी मिराक कैपिटल को फरवरी 2015 के पहले पखवाड़े से पहले भारत में ज्यादा लोग नहीं जानते थे. लेकिन अचानक ही सहारा समूह ने इस कंपनी पर धोखा देने का आरोप लगाकर तथा इसे कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर अचानक चर्चा में ला दिया. वहीं मिराक ने पलटवार में सहारा समूह से कहा कि वह औपचारिक माफी मांगे या कानूनी कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहे.
क्या है विवाद दरअसल यह सारा विवाद दोनों कंपनियों के बीच एक सौदे को लेकर हुआ. सहारा समूह व मिराक कैपिटल में एक सौदा हुआ था जिसके तहत मिराक, सहारा समूह के लिए 2.5 अरब डालर के कर्ज की व्यवस्था करने वाली थी. मिराक ने दावा किया कि उसने इसके लिए बैंक आफ अमेरिका से पैसे का जुगाड़ कर लिया है.
लेकिन इस बीच फरवरी 2015 के पहले पखवाड़े में बैंक आफ अमेरिका बोफाएमएल का बयान आया जिसमें उसने ऐसे किसी सौदे में शामिल होने से इनकार किया. इससे हैरान परेशान सहारा समूह ने पांच फरवरी 2015 को मिराक पर धोखा करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि मिराक ने बैंक आफ अमेरिका का ‘फर्जी’ पत्र पेश किया. सहारा ने मिराक कैपिटल तथा इसके अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी.
वहीं भारतीय कारोबार सारांश शर्मा की अगुवाई वाली मिराक कैपिटल पलटवार में कहा कि सहारा समूह ही सौदे से पीछे हट रहा है. कंपनी ने सहारा समूह को लिखे पत्र में कहा कि वह अनुबंध की शर्त्तों का उल्लंघन करने के लिए 1.30 करोड डालर का हर्जाना दे और औपचारिक रूप से माफी मांगे.
इसके साथ ही मिराक ने कहा कि वह सहारा के विदेश स्थित तीन होटलों को खरीदने को तैयार है. इन होटलों में दो न्यूयार्क व एक लंदन में है. मिराक ने कहा कि वह यह सौदा करने में सक्षम व इच्छुक है.
दरअसल सहारा समूह पैसे जुटाने की यह सारी कवायद अपने प्रमुख सुब्रत राय व उनके दो सहकर्मियों को जेल से छुड़ाने के लिए कर रहा है. इन तीनों की जमानत के लिए सहारा समूह को बड़ी रकम जमानती राशि के रूप में जमा करानी है. इनको तिहाड़ में बंद हुए फरवरी 2015 में लगभग एक साल हो गया.
सहारा परिवार की वेबसाइट : http://www.sahara.in/index.html
मिराक कैपिटल की वेबसाइट: http://mirachcapitalgroup.com/