सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने में इस छोटी सी चिप की बड़ी भूमिका है जिसके माइक्रोचिप कहते हैं. माइक्रोचिप को कई बार सिर्फ चिप भी कहकर बुलाया जाता है.
माइक्रोचिप सिलिकन आदि से बनी होती है और इस पर कंप्यूटर सर्किट बना होता है. इनका निर्माण कई तरह के काम के लिए किया जाता है जिनमें कंप्यूटर मैमोरी या रैम भी शामिल है.
माइक्रोचिप सिलिकन की बनी होती है और इसमें लाखों सूक्ष्म ट्रांजिस्टर लगे होते हैं और आज के दौर में हम एक दिन में सैकड़ों बार माइक्रोचिप के संपर्क में आते हैं या बने रहते हैं.
दरअसल 1958 में जैक किलवी तथा राबर्ट नोएस ने माइक्रोचिप बनाने की घोषणा की. अब तो ऐसी ऐसी माइक्रोचिप आने लगी हैं कि सुपरकंप्यूटर तक को जेब में रखने के सपने देखे जा रहे हैं.