अमेरिकी तैराक या तैराकी के महामानव माइकल फेल्प्स ने अगस्त 2012 लंदन ओलंपिक में चार स्वर्ण और दो रजत पदक जीते और तैराकी को अलविदा कह दिया.
फेल्प्स ने तैराकी करियर की शुरुआत 15 साल आयु में सिडनी ओलंपिक से की. एथेंस में उसने छह स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीते. बीजिंग ओलंपिक 2008 में इस संख्या में आठ स्वर्ण पदक जुड़ी. इस तरह से कुल मिलाकर उन्होंने 18 ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते. चार ओलंपिक में उनके कुल पदकों की संख्या 22 रहे. फेल्प्स ने अपने ओलंपिक करियर का 18वां और आखिरी स्वर्ण को 4गुणा100 रीले में जीता. तैराकी के अंतराष्ट्रीय संगठन फीना ने फेलप्स को सम्मानित करते हुए ‘सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक एथलीट’ बताया.
वैसे माइकल का पूरा नाम माइकल फ्रेड फेल्प्स द्वितीय है. उसका जन्म 30 जून 1985 को हुआ. उसने सबसे अधिक ओलंपिक ही नहीं जीते सबसे अधिक ओलंपिक स्वर्ण पदक भी हासिल किए. वह लगातार तीन ओलंपिक सबसे सफल एथलीट रहा. उसने तैराकी को प्रोत्साहन देने के लिए माइकल फेल्प्स फाउंडेशन बनाया है और माना जाता है कि अब अपना समय वह व्यक्तिगत जीवन तथा इस फाउंडेशन को देगा. उसके पिता स्कूली दिनों में फुटबाल खेला करते थे. मां अध्यापिका रहीं.
प्रशंसक उसे एमपी (MP), ब्लाटीमोर बुलेट (The Baltimore Bullet) तथा फलाइंग फिश (Flying Fish) कहकर भी बुलाते हैं.