स्मार्ट होती दुनिया में उन्हें भोले भाले या गूंगे मोबाइल (dumb phone) कहकर भी बताया जाता है. लेकिन वे मोबाइल क्रांति के अगुवा रहे हैं. जी यहां बात हो रही है बेसिक मोबाइल फोन की.
बेसिक मोबाइल फोन से आशय उन मोबाइल फोन से है जिनमें काल करने या सुनने तथा एसएमएस करने की ही सुविधा होती है. ये शुरुआती फोन थे जो कि कुछ साल पहले टचस्क्रीन वाले स्मार्टफोन के आने तक प्रमुख रूप से चलते थे. आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग शुरुआती मोबाइल यही खरीदते हैं. भारत में नोकिया, मोटोरोला व सोनी एरिक्सन के बेसिक फोन खूब चले उसके बाद कई घरेलू व अंतरराष्ट्रीय कंपनियां एक साथ आ गईं.
अब तो बेसिक फोन में टार्च, एफएम, रिकार्डिंग जैसी सुविधाएं भी आने लगी हैं. सीधे साधे शब्दों में बेसिक फोन कीपेड वाला होता है और उसमें ज्यादा फीचर नहीं होते और कीमत के लिहाज से भी सस्ता होता है, यही कोई हजार बारह सौ का. अनेक देशों में अब इन्हें भोला भाला (dumb) मोबाइल भी कहने लगे हैं.यह अलग बात है कि लोग स्मार्टफोन के साथ साथ विकल्प के रूप में एक ऐसा मोबाइल भी रखते हैं.
हालांकि इस तरह के फोन के प्रति लगाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ब्लैकबेरी ने जनवरी 2015 में ब्लैकबेरी क्लासिक भारतीय बाजार में पेश किया जिसमें बकायदा कीपैड है.