भुगतान सन्तुलन

भुगतान सन्तुलन (Balance of payments): मोटा माटी यह किसी देश तथा शेष दुनिया के बीच लेन देन का ब्‍यौरा होता है. यानी किसी समयावधि विशेष में अमुक देश ने बाकी दुनिया के साथ कितना लेन देन किया इसका सार ही भुगतान संतुलन कहलाता है. यह अवधि आमतौर पर एक साल की होती है.

इसमें सौदों को दो मद- पूंजी खाता (capital account) तथा चालू खाता (current account) में रखा जाता है. प्रमुख अर्थशास्त्री पीटी एल्सवर्थ के अनुसार- ‘भुगतान संतुलन किसी देश विशेष के नागरिकों तथा शेष विश्व के बीच हुए सारे लेन-देन का विवरण है.

यह एक निश्चित समयावधि, प्रायः एक साल के लिए होता है.’ इसमें किसी देश के भुगतान संतुलन के अतिरिक्त सेवाओं, बीमा, भाडे़, उपहार, ब्याज, ऋण व विनियोग संबंधी लेन-देन को भी शामिल किया जाता है.  चालू खाते में जहां आय सृजन संबंधी लेनदेन शामिल किए जाते हैं, वहीं पूंजी खाते में पूंजीगत सौदे शामिल किए जाते हैं.

भारत के भुगतान संतुलन की बात की जाए तो 2016-17 के लिए यह 21.6 अरब डालर रहा।

Author: sangopang

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