भारत बच्चों की पोलियो बीमारी से तेजी से मुक्त हो रहा है. भारत में भारत में पोलियो का आखिरी आधिकारिक मामला 13 जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल में दर्ज किया गया. इसके बाद बीते एक साल में पोलियो का कोई नया मामला दर्ज नहीं हुआ है. यदि अगले दो साल तक ऐसा ही रहता है तो देश पोलियो की समस्या से मुक्त हो जाएगा. लेकिन बीच में कई अखबारों में कई बच्चों में पोलियो जैसे रोग के लक्षण पाये जाने के समाचार प्रकाशित हुए जिन पर आधिकारिक स्तर पर कोई बयान जारी नहीं किया गया.
उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में केवल चार ही ऐसे देश हैं जहां आज भी पोलियो का वायरस सक्रिय है. विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की सूची के अनुसार भारत के अलावा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया में आज भी पोलियो का खतरा बना हुआ है. इसके अलावा अब तक नाइजर और मिस्र भी इस सूची में शामिल थे, जिन्हें फरवरी से हटा दिया गया.
पोलियो को बीसवीं शताब्दी की सबसे खतरनाक बीमारी माना जाता रहा है. दुनिया भर में पोलियो के कुल मामलों में आधे भारत में ही हैं. 1985 में भारत में पोलियो के डेढ़ लाख मामले थे. सरकार की पहल से इन में साल दर साल कमी आई. 1991 में यह संख्या गिरकर छह हजार तक पहुंच गई. फिर 2009 में 741 और 2010 में केवल 42 मामले दर्ज हुए. पोलियो के खिलाफ सरकार का “दो बूंद जिंदगी की” अभियान काफी सफल रहा.