भारत में न्यूट्रास्युटिकल उद्योग

न्यूट्रास्युटिकल वास्तव में दो शब्दों न्यूट्रीशन और फार्मास्युटिकल से मिलकर बना है. इसका आशय उन उत्पादों से हैं जो विशेषकर तंदुरूस्ती से जुड़े हैं जैसे कि सूप, पेय, डाइटरी स्पलीमेंट या हर्बल उत्पाद.

स्टीफन एल डी​फेलिस ने 1989 में इस शब्द की ईजाद की जो कि फाउंडेशन आफ इनोवेशन मेडिसिन के चेयरमैन थे.

भारत में न्यूट्रास्युटिकल उद्योग: परामर्श सेवा फर्म आरएनसीओएस की एक रपट फरवरी 2015 में आई जिसमें कहा गया कि भारतीय न्यूट्रास्युटिकल उद्योग 2019—20 तक बढ़कर 6.1 अरब डालर का हो जाएगा. इसके अनुसार लोगों में स्वास्थ्य व तंदुरूस्ती के प्रति जागरुकता बढ रही है इसलिए यह उद्योग भी बढेगा. इससे जुड़े उत्पादों की मांग बढेगी. इसके अनुसार इस समय यानी 2015 में यह उद्योग अनुमानत: 2.2 अरब डालर का है.

Author: sangopang

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