भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) की स्थापना 11 मार्च, 1891 को कोलकाता में शाही अभिलेख विभाग (Imperial Records Department) के रूप में की गई थी. तब प्रोफेसर जी डब्ल्यू फोरेस्ट इसके प्रभारी बनाए गए.
साल 1911 में राजधानी कोलकाता से बदलकर दिल्ली हो गई तो अभिलेख विभाग भी नयी दिल्ली आ गया. जनपथ पर भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार की वर्तमान इमारत का निर्माण वर्ष 1926 में हुआ था.
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार का एक क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल में है और इसके तीन अभिलेख केन्द्र भुवनेश्वर, जयपुर तथा पुडुचेरी में हैं.
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखाकार की स्थापना के 125 साल पूरे हो चुके हैं. इस उपलक्ष में देश भर में साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत 11 मार्च 2015 को नयी दिल्ली में हुई.
सरकार ने मार्च 2015 में लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय अभिलेखाकार के पास मौजूदा 11 लाख प्राचीन दस्तावेजों व पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण या कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है जबकि 11 लाख ऐसे और दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की तैयार की जा रही है.
इसके अनुसार राष्ट्रीय अभिलेखागार ने सार्वजनिक अभिलेख या रिकार्ड के 5,03,048 पन्नों व निजी कागजात संग्रहण के 2,82,750 पन्नों का डिजिटलीकरण पूरा कर लिया है. इसी तरह 11 लाख ऐसे और पन्नों के डिजिटलीकरण का काम हाथ में लिया गया है.