भारतीय गेमिंग बाजार या कंप्यूर प्रौद्योगिकी आधारित गेमिंग बाजार की बात की जाए तो अभी यह शुरुआती दौर में है. शिशुवस्था में हैऋ
फिक्की केपीएमजी के एक रपट का जिक्र किया जाए तो गेमिंग उद्योग 2008 में 700 करोड़ रुपए का था जो 2013 में बढकर 1920 करोड़ रुपये का हो गया. इसके 2018 तक बढ़कर 4060 करोड़ रुपए का होने की उम्मीद जताई गई है.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि स्मार्टफोन के लोकप्रिय होने के बाद वह गेमिंग का बड़ा माध्यम बन गया है. इससे विशेष गेमिंग उपकरण या कंसोल लेकर गेम खेलने का प्रचलन घटा है. वीडियो गेम पार्लर धीरे धीरे बंद हो रहे हैं इसका कारण यह भी है.