बोइंग 747 यानी जंबो जेट दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जा रहे यात्री विमानों में से एक है. यह विमान परिचालन के चार दशक पूरे कर चुका है जो विमान और उसकी विनिर्माता कंपनी के लिए यह एक सुखद स्वप्र जैसा ही है. दरअसल बोइंग 747 सत्तर के दशक में ऐसे समय में बाजार में उतारा गया जबकि बडे, अधिक गति और ज्यादा क्षमता वाले विमानों की मांग थी. तमाम अटकलों और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद यह विमान लंबी हवाई यात्रा का पर्यायवाची बन गया. यही वह विमान है जिसके कभी शांति के प्रमुख औजार साबित होने की भविष्यवाणी की गई थी.
बोइंग 747 को आमतौर पर जंबो जेट के नाम से भी जाना जाता है. अमेरिकी कंपनी बोइंग का यह विमान सत्तर के दशक में आया और यात्री क्षमता के लिहाज से लगभग चार दशक तक अव्वल बना रहा. कंपनी ने इस विमान के मालवाहक तथा अन्य संस्करण भी बाजार में पेश किए जो सफलता के झंडे गाडते चले गए. यह पहला वाइडबाडी विमान था.
वैसे सुपरसोनिक तथा सबसुपरसोनिक विमानों के आगमन के साथ जंबो जेट की विदाई की आशंका जताई गई थी लेकिन यह बना ही नहीं रहा बाजार में बढता भी गया. इस समय 1400 से अधिक जंबो जेट विमान दुनिया की विभिन्न कंपनियों के पास हैं जबकि इसकी मांग बनी हुई है. इसके नवीनतम संस्करणों में बोइंग 747-400 है. बोइंग 747-8 भी बाजार में आ रहा है.
वैसे इस विमान के विनिर्माण की कहानी अमेरिकी वायुसेना की आवश्यकता से निकली. वायुसेना को ऐसे बडे क्रियात्मक परिवहन विमान की जरूरत थी जो बेहतर गति से अधिक साजो सामान ढो सके. वायुसेना ने हालांकि इस प्रक्रिया में अन्य कंपनियों के प्रस्तावों को तरजीह दी लेकिन बाद में आम यात्री एवं परिवहन की आवश्यकताओं ने बोइंग 474 के विमानन परिदश्य में उतरने का मार्ग प्रशस्त कर दिया.
बोइंग 747 ऐसे समय में आया जबकि बोइंग 705 और डगलस डीसी8 लोकप्रिय थे. वैसे मूल परियोजना से लेकर नौ फरवरी 1969 तक विमान के आकार प्रकार आदि में काफी बदलाव हुआ और यह बाद में भी चलता रहा ताकि इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बेहतर और बेहतर बनाया जा सके.