कनार्टक के अपने साथी जवागल श्रीनाथ के साथ भारत की नयी गेंद का जिम्मा संभालने वाले वेंकटेश प्रसाद (venkatesh prasad) 1996 से 2001 तक भारतीय टीम के अहम अंग रहे. लंबे कद के तेज गेंदबाज वेंकटेश यहां तक कि निर्जीव विकेट पर भी गेंद को उछाल देने में माहिर थे. उनकी गेंदबाजी वनडे क्रिकेट के अधिक अनुकूल थी.
वेंकटेश प्रसाद ने 1993 . 94 के रणजी सत्र में सात मैच में 29 विकेट लेकर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा. उन्हें अप्रैल 1994 में पहला वनडे मैच खेलने का मौका मिला लेकिन अपना पहला टेस्ट मैच वेंकटेश ने इसके दो साल बाद खेला था.
उन्होंने अपने करियर में सबसे कातिलाना गेंदबाजी 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई टेस्ट मैच में की थी. वेंकटेश ने तब 33 रन देकर छह विकेट लिये थे. इनमें से एक समय उन्होंने बिना कोई रन गंवाये पांच विकेट हासिल किये थे.
वेंकटेश ने 33 टेस्ट मैच में 96 विकेट और 161 एकदिवसीय मैचों में 196 विकेट लिये. वह बाद में भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भी बने और फिर कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ से जुड़ गये.