बीपीओ यानी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग से आशय किसी कंपनी विशेष द्वारा अपना कोई काम विदेश की फर्म से करवाना है. यह कुल मिलाकर विदेश से काम करवाने की प्रक्रिया आउटसोर्सिंग का ही एक अंग है. अमेरिका व ब्रिटेन स्थित अनेक कंपनियां लागत में कमी के लिए अपना बहुत सा काम दक्षिण अफ्रीका, फीलीपींस व भारत जैसे विकासशील देशों से करा रही हैं. आमतौर पर यह काम आनलाइन, कंप्यूटीकृत होता है जैसे कालसेंटरों के जरिए ग्राहकों की शिकायतें सुनना या सलाह देना.
अपने देशों में विरोध के बावजूद बीते कुछ साल में बीपीओ अपने आप में एक बड़ा क्षेत्र बन गया है. भारत की ही बात करें तो उसे इस लिहाज से फायदा है कि यहां लोग अंग्रेजी जानते हैं और उन्हें कंप्यूटर आदि का अच्छा खासा ज्ञान है.
मई 2012 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश के बीपीओ खंड का कारोबार 2010-11 में 15.9 अरब डालर होने का अनुमान है जो 2010-11 में 14.2 अरब डालर रहा था. इस लिहाज से भारत दुनिया में पहले नंबर पर है.