बिग पुश थ्‍योरी

बिग पुश थ्‍योरी अर्थव्‍यवस्‍था में विकास/वृद्धि से जुड़ी है. इसके अनुसार किसी अर्थव्‍यवस्‍था को तीव्र विकास की राह पर लाने के लिए जरूरी है कि उसमें न्‍यूनतम जरूरी मात्रा में निवेश किया जाए. हिंदी में इसे बड़े या जोरदार धक्‍के की थ्‍योरी कहा जाता है.

प्रो. पाल एन. रोजेन्स्टीन-रोडान इस सिद्धांत के प्रेणता है. उनके अनुसार, किसी अर्थव्यवस्था को ‘धीरे धीरे’ चलकर सफलतापूर्वक विकास-पथ पर नहीं लाया जा सकता. इसके लिए जरूरी यह है कि एक न्यूनतम मात्रा में निवेश किया जाए.

प्रो. रोडान ने अल्प विकसित अर्थव्यवस्थाओं को आत्म-निर्भर बनाने के उद्देश्य से बड़े धक्के के सिद्धांत को रखा. इसके अनुसार, ‘‘विकास कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए साधनों की न्यूनतम मात्रा उसमें लगानी चाहिए. एक देश को आत्मनिर्भर विकास के मार्ग पर लाना हवाई जहाज को जमीन से ऊपर उड़ाने के समान होता है. हवाई जहाज के लिए एक ऐसी न्यूनतम गति होती है, जिसे प्राप्त करने के बाद ही हवाई जहाज हवा में उड़ सकता है.

रोडान (1902-1985) आस्ट्रिया के अर्थशास्‍त्री थे. रोडान के विचार में आर्थिक विकास के के लिए इतना निवेश तो किया ही जाना चाहिए कि वह अर्थव्यवस्था की विसंगतियों/ अविभाज्यताओं (Indivisibility) को पार पा सके. इन विसंगतियों में उत्‍पादन, मांग व बचत से जुड़ी विसंगति होती है.

Author: sangopang

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *