प्रधानमंत्री आवास योजना

प्रधानमंत्री आवास योजना

देश में आज भी करोड़ों लोगों के पास मकान नहीं है। कुछ लोग तो खरीदने में सक्षम नहीं हैं तो कुछ लोग आवासीय परियोजनाओं में उंचे दाम के कारण खरीद नहीं पाते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की। इस योजना का उद्देश्य 2022 तक देश में सभी लोगों के लिए उनका अपना घर का सपना पूरा करना है।  इस योजना के तहत सभी बेघर और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

उल्लेखनीय है कि 2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 साल होने जा रहे हैं।

अप्रैल 2017 के पहले  में इस योजना की समीक्षा प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई। समाचारों के अनुसार इस अवधि तक आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय देश भर में 17.73 लाख किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी दे चुका है। इन्हें बनाने में 95,660 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके तहत केंद्रीय सहायता के रूप में 27,879 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने को हरी झंडी दी जा चुकी है।

दस अप्रैल 2017 को ही एक बड़ी पहल के तहत केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब दो लाख किफायती आवास बनाने के लिए 350 से ज्यादा परियोजनाओं की शुरुआत की।  इन मकानों की कीमत 15 लाख से 30 लाख रुपये के बीच होगी। इन परियोजनाओं पर निजी क्षेत्र 38,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। केंद्र की किफायती आवास योजना के तहत कॉरपोरेट जगत की ओर से यह पहली बड़ी पहल है। शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री वेंकैय्या नायडू ने गांधीनगर, गुजरात में इन आवासीय परियोजनाओं की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए आवेदन करने की सरकारी वेबसाइट

उल्लेखनीय है कि मई 2014 को संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार ने घोषणा की कि “जब तक देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष (2022 में) पूरे करेगा, हर परिवार के पास पानी के कनेक्शन, शौचालय की सुविधा, चौबीस घंटे एवं सातों दिन विद्युत की आपूर्ति समेत एक पक्का मकान होगा।” केंद्रीय वित्त मंत्री ने 2015-16 के वार्षिक बजट पेश करते समय सरकार की ‘2022 तक सबके लिए मकान के इरादे’ की घोषणा की। कार्यक्रम के शहरी हिस्सा पहले ही 25 जून 2015 को स्वीकृत हो चुका है एवं क्रियान्वित हो रहा है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित मौजूदा ग्रामीण आवास योजना (इंदिरा आवास योजना) के अंतर्गत ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले ग्रामीणों को रहने के लिए मकान के लिए मतल क्षेत्रों में 70,000 रुपए की और पहाड़ी/ असमतल क्षेत्रों में 75,000 रुपए की वित्तीय सहायता, इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान वाले जनपदों समेत, दी जाती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की ग्रामीण आवास योजना- ‘ग्रामीण’ को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 मार्च 2016 को मंजूरी दी। इस परियोजना के क्रियान्वयन पर 2016-17 से 2018-19 तक तीन वर्षों में 81,975 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह प्रस्तावित किया गया है कि परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से 2018-19 की अवधि में एक करोड़ घरों को पक्का बनाने के लिए मदद प्रदान की जाएगी। दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़ कर यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे भारत में क्रियान्वित की जाएगी। मकानों की क़ीमत केंद्र और राज्यों के बीच बांटी जाएगी।

ग्रामीण विकास विभाग वर्ष 2017-18 में 51 लाख मकानों को पूरा करने की योजना बना रहा है। वर्ष 2017-18 में 33 लाख अतिरिक्त मकान मंजूर किए जाएंगे। वर्ष 2018-19 इतनी ही संख्या मकान पूरा करने का प्रस्ताव है। इस प्रकार वर्ष 2016-2019 की अवधि के दौरान 1.35 करोड़ मकानों का निर्माण पूरा हो जाएगा। इससे वर्ष 2022 तक सभी को मकान उपलब्‍ध कराने का मार्ग प्रशस्‍त होगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना पात्रता संबंधी निर्देश
प्रधानमंत्री आवास योजना फॉर्म (सर्वे फार्म -4 ए और 4 बी)
प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट 

Author: sangopang

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *